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Meri Dharthi Mere Log Hindi Seshendra Sharma

मेरी धरती मेरे लोग

(मेरी धरती मेरे लोग, दहकता सूरज, गुरिल्ला, प्रेम पत्र, पानी हो बहगया,

समुंदर मेरा नाम, शेष-ज्योत्स्ना, खेतों की पुकार, मेरा मयुर)

समकालीन भारतीय और विश्व साहित्य के वरेण्य कवि शेषेन्द्र शर्मा का यह संपूर्ण काव्य संग्रह है। शेषेन्द्र शर्मा ने अपने जीवन काल में रचित समस्त कविता संकलनों को पर्वों में परिवर्तित करके एकत्रित करके “आधुनिक महाभारत'' नाम से प्रकाशित किया है। यह “मेरी धरती मेरे लोग'' नामक तेलुगु महाकाव्य का अनूदित संपूर्ण काव्य संग्रह है। सन् 2004 में “मेरी धरती मेरे लोग'' महाकाव्य नोबेल साहित्य पुरस्कार के लिए भारत वर्ष से नामित किया गया था। शेषेन्द्र भारत सरकार से राष्ट्रेन्दु विशिष्ट पुरस्कार और केन्द्र साहित्य अकादमी के फेलोषिप से सम्मानित किये गये हैं। इस संपूर्ण काव्य संग्रह का प्रकाशन वर्तमान साहित्य परिवेश में एक अपूर्व त्योंहार हैं।
eBook : kinige.com/book/Meri+Dharti+Mere+Log

***
दार्शनिक और विद्वान कवि एवं काव्य शास्त्रज्ञ

शेषेन्द्र शर्मा

20 अक्तूबर 1927 - 30 मई 2007

www.seshendrasharma.weebly.com


माता पिता : अम्मायम्मा, जी. सुब्रह्मण्यम
भाई बहन : अनसूया, देवसेना, राजशेखरम
धर्मपत्नि : श्रीमती जानकी शर्मा
संतान : वसुंधरा, रेवती (पुत्रियाँ), वनमाली सात्यकि (पुत्र)
बी.ए : आन्ध्रा क्रिस्टियन कालेज गुंटूर आं.प्र.
एल.एल.बी : मद्रास विश्वविद्यालय, मद्रास
नौकरी : डिप्यूटी मुनिसिपल कमीशनर (37 वर्ष) मुनिसिपल अड्मिनिस्ट्रेशन विभाग, आं.प्र.

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शेषेँद्र नाम से ख्यात शेषेँद्र शर्मा आधुनिक भारतीय कविता क्षेत्र में एक अनूठे शिखर हैं। आपका साहित्य कविता और काव्यशास्त्र का सर्वश्रेष्ठ संगम है। विविधता और गहराई में आपका दृष्टिकोण और आपका साहित्य भारतीय साहित्य जगत में आजतक अपरिचित है। कविता से काव्यशास्त्र तक, मंत्रशास्त्र से मार्क्सवाद तक आपकी रचनाएँ एक अनोखी प्रतिभा के साक्षी हैं। संस्कृत, तेलुगु और अंग्रेजी भाषाओं में आपकी गहन विद्वत्ता ने आपको बीसवीं सदी के तुलनात्मक साहित्य में शिखर समान साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित किया है। टी.एस. इलियट, आर्चबाल्ड मेक्लीश और शेषेन्द्र विश्व साहित्य और काव्यशास्त्र के त्रिमूर्ति हैं। अपनी चुनी हुई साहित्य विधा के प्रति आपकी निष्ठा और लेखन में विषय की गहराइयों तक पहुंचने की लगन ने शेषेँद्र को विश्व कविगण और बुद्धि जीवियों के परिवार का सदस्य बनाया है।

- संपर्क : सात्यकि S/o शेषेन्द्र शर्मा
saatyaki@gmail.com, +91 94410 70985, 77029 64402
मेरी धरती - मेरे लोग - महाकाव्य शेषेन्द्र  शर्मा; मेरी धरती मेरे लोग

(मेरी धरती मेरे लोग, दहकता सूरज, गुरिल्ला, प्रेम पत्र, पानी हो बहगया,

समुंदर मेरा नाम, शेष-ज्योत्स्ना, खेतों की पुकार, मेरा मयुर)

समकालीन भारतीय और विश्व साहित्य के वरेण्य कवि शे
मेरी धरती - मेरे लोग - महाकाव्य शेषेन्द्र शर्मा
मेरी धरती - मेरे लोग - महाकाव्य शेषेन्द्र  शर्मा; http://kinige.com/book/Meri+Dharti+Mere+Log
मेरी धरती - मेरे लोग - महाकाव्य शेषेन्द्र शर्मा
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मेरी धरती - मेरे लोग - महाकाव्य शेषेन्द्र शर्मा
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The Hans - 13.12.15
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